Surat ( Gujarat ) – 25 th December 2021 new initiative started…Celebrating Tulsi Poojan with society….
A step towards our root ..
आज से हम सभी अपने जीवन में पीने के लिए आधा गिलास पानी लेने की शपथ लेते हैं।
2. मैं प्रतिवर्ष एक पौधा लगाऊंगा उसका वर्ष भर संरक्षण करूंगा व उसको बड़ा होने तक उसकी रक्षा करूंगा।
3. मैं अपने घर में आने वाले प्लास्टिक को ना तो जलाऊंगा और ना ही धरती पर इधर-उधर फेंकुँगा और इस प्लास्टिक की इको ब्रिक बनाऊंगा।
प्रांत संयोजक डॉ विपिन गुलेरिया द्वारा व्याख्यान में जल संरक्षण के उपयोग घरेलू स्तर पर पौधों का संरक्षण सगन बन की नियमावली पद्धति हरितगृह और मेरा थैला मेरी शान विषयों को प्रोत्साहित करने के साथ पर्यावरण के संरक्षण विज्ञानिक उपाय और पर्यावरण बदलाव में आने वाले बदलावों के कारण हमारे जीवन पर पड़ने वाले प्रभाव पर व्याख्यान दिया। कार्यक्रम के अंत में कालेज के ढाई सौ विद्यार्थियों द्वारा जवाली में पर्यावरण चेतना यात्रा की गई इसमें स्थानीय लोग भी जुड़े इस कार्यक्रम में कालेज की प्रधानाचार्य श्रीमती नीरू ठाकुर जी वरिष्ठ प्राध्यापक सुलक्षण जी अश्वनी जी नीरज जी व अन्य प्राध्यापक उपस्थित रहे।
हिंदू धर्म में तुलसी को विशेष महत्व दिया गया है। इसलिए हिंदू धर्म के लोग तुलसी को माता का रूप मानकर उसकी पूरे विधि-विधान से पूजा करते हैं। इस साल शनिवार, 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाएगा। ऐसी मान्यता है कि जहां तुलसी फलती है, उस घर में रहने वालों को कोई संकट नहीं आते। स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद में तुलसी के अनेक गुण के बारे में बताया गया हैं। यह बात कम लोग जानते हैं कि तुलसी परिवार में आने वाले संकट के बारे में सुखकर पहले संकेत दे देती हैं। शास्त्रों में यह बात भली प्रकार से उल्लेख है कि अगर घर पर कोई संकट आने वाला है तो सबसे पहले उस घर से लक्ष्मी यानि तुलसी चली जाती है और वहां दरिद्रता का वास होने लगता है।
तुलसी केवल एक पौधा ही नहीं है बल्कि धरा के लिए वरदान है। जिसके कारण इसे हिंदू धर्म में पूजनीय और औषधि तुल्य माना जाता है। तुलसी पूजन करने से न केवल चमत्कारिक लाभ मिलेगा बल्कि साथ ही लोगों को तुलसी से होने वाले लाभ का ज्ञान भी प्राप्त होता है।