छोटे-छोटे कामों के जरिए ही पर्यावरण के लिए बड़ा बदलाव किया जा सकता है। इसके लिए हमारे आसपास ना जाने कितने उदाहरण हैं। इतनी सी बात की जरूरत है कि हम सब इन सब से प्रेरणा लें कि प्रकृति हमें जो दे रही है। उसका कुछ हिस्सा उसे भी लौटा सकें। पर्यावरण के लिए कुछ ऐसा ही काम कर रहे हैं सूरज के रहने वाले सूर्यकांत अग्रवाल और उनकी पत्नी उर्मिला देवी।
पिछले 25 सालों से इन दोनों ने 15000 तुलसी के पौधे तैयार किए हैं। इसके पीछे की कहानी उन्होंने बताई कि एक सुबह वह दोनों बरसात के मौसम में घूम रहे थे। इस दौरान उर्मिला देवी ने तुलसी के छोटे-छोटे पौधों के ऊपर ध्यान दिया। जिनको सावधानीपूर्वक निकालकर कहीं लगाया जा सकता था। इस विचार के आने के बाद सूर्यकांत और उर्मिला ने यह काम शुरू भी कर दिया। इस काम को करते हुए उन्हें बेहद खुशी होती है।
इसके साथ उनका मानना है कि सनातन धर्म में तुलसी की पूजा भी की जा सकती है इसकी वजह से उनका ध्यान और उसकी तरफ बढ़ा। उन्होंने इसे बढ़ाने और रक्षा करने का फैसला लिया। अब वह तुलसी के बीजों को सुखा कर उनसे पेड़ तैयार करते हैं। पिछले साल बाद पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के साथ संपर्क में आए और उनके जरिए काफी काम किए। उनके क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के तहत नीम और पीपल के साथ बेल के लगभग 2130 पेड़ लगाए गए हैं।
2021 में सूर्यकांत अग्रवाल को वन विभाग से प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया था। सूर्यकांत अग्रवाल और उर्मिला देवी द्वारा किए जा रहे काम से लोगों को प्रेरित किया जा सकता है। हमें यह समझना होगा कि पर्यावरण के लिए छोटे-छोटे काम भी किए जा सकते हैं। जिसके जरिए बच्चे भी इससे सीख लेकर आगे बढ़ेंगे।
