हरितघर- भाग 2

कृष्ण गोपाल वैष्णव।

1 जल संरक्षण (घर का पानी घर में)

हरितघर में प्रथम बिंदु है जल संरक्षण। हम अपने दैनिक व्यवहार में परिवर्तन करके जल संरक्षण में बहुत बड़ा योगदान दे सकते हैं।

पूरे विश्व में धरती का लगभग तीन चौथाई भाग जल से घिरा हुआ है, लेकिन इसमें से 97 प्रतिशत पानी खारा है। पीने योग्य पानी की मात्रा केवल 3 प्रतिशत है। यदि अब भी हम लोग जल सरंंक्षण के प्रति गंभीर नहीं हुए, तो यह बात बिल्कुल सही सिद्ध होगी कि तीसरा विश्व युद्ध पानी के लिए होगा। जल की बचत हम विविध प्रयासों द्वारा कर सकते हैं।
1. वर्षा जल संरक्षण

  • जल संरक्षण के लिए हम सबसे पहले अपने घर की छत के बारिश के पानी को संरक्षित करने की व्यवस्था कर सकते हैं। यह कार्य बहुत सरलता से किया जा सकता है। छत का पानी पाइप के द्वारा टांके में डाला जा सकता है। पश्चिम राजस्थान के कई क्षेत्रों में जहाँ भूमिगत जल खारा है वहाँ प्रत्येक घर मे वर्षा जल टाँकों में संरक्षित कर पूरे वर्ष पेयजल के रूप में उपयोग किया जाता है।
  • खाली पड़ी भूमि में खड्डे बनाकर भूमि में जल रिचार्ज कर भूमिगत जल स्तर बढ़ाया जा सकता है।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित तालाब एवं कुओं के पुनर्भरण का प्रयास किया जा सकता है।
    घर का पानी घर में, खेत का पानी खेत मे एवं गांव का पानी गाँव में, इन पंक्तियों को चरितार्थ करके ही हम जल संचयन कर जल संकट को दूर कर सकते है।
  • सार्वजनिक तालाब, बावड़ी एवं अन्य जल स्रोतों में पूजन सामग्री विसर्जित न करके उन्हें स्वच्छ रखना चाहिए।

2. घरेलू जल संरक्षण

  • AC तथा RO से निकले हुए पानी एवं रसोईघर में उपयोग किये पानी तथा पोछा लगाया हुआ पानी का पुनरुपयोग बगीचे अथवा अन्य कई कार्यों में किया जा सकता है।
  • नलों में जल के प्रवाह को कम करने के लिए हम “एरेटर’ का प्रयोग कर सकते हैं।
    पीने के लिए उतना ही जल लें, जितनी आवश्यकता हो।
  • बगीचे में पौधों को शाम को पानी देंवें ताकि रात्रि में वाष्पीकरण कम हो एवं भूमि में अधिक समय तक नमी रहे ।
  • घर अथवा सार्वजनिक स्थान पर होने वाले नल लीकेज को समाप्त करने का प्रयास करना चाहिए।
  • अधिक बहाव वाले फ्लश टैंक को कम बहाव वाले फ्लश टैंक में परिवर्तित करना चाहिए।
    ब्रश करते समय, हाथ धोते समय, बर्तन धोते समय नल का बहाव काम रखने से पानी व्यर्थ नही बहता।
  • छत पर लगी टँकीयों से पानी बहने की समस्या से बचने के लिए अलार्म का प्रयोग करना चाहिए।
  • वाशिंग मशीन में थोड़े कपड़े धोने के स्थान पर अधिक कपड़े एकत्र कर धोने चाहिए।

इन सभी प्रयासों के अतिरिक्त हमें जल जागरूकता कार्यक्रम कर समाज मे जागरूकता लाने का प्रयास करना चाहिए। इन छोटे-छोटे प्रयासों से हम पानी की बहुत बड़ी बचत कर सकते हैं।

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