जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है क्योंकि हम सब यह जानते हैं कि जल है तो कल है। इसी को सूत्र बनाकर पर्यावरण गतिविधि कि जम्मू कश्मीर प्रांत के अंतर्गत आने वाली जिला टोली उधमपुर व मातृशक्ति विभाग द्वारा काम किया जा रहा है। इस टोली द्वारा पर्यावरण में बदलाव के लिए बेहद महत्वपूर्ण योगदान दिया गया है।
ऐसी गतिविधियों के जरिए पर्यावरण टोली और भारतीय विद्या मंदिर के बच्चे प्रकृति के करीब आ रहे हैं। जल की जागरूकता को लेकर पर्यावरण संरक्षण गतिविधि टोली द्वारा आयोजित गतिविधियों में छात्र सक्रिय रूप से हिस्सा ले रहे हैं। हाल में ही इस टोली ने देखा कि मंदिर के पास बनी एक बावड़ी में कचरे और प्लास्टिक का ढेर लगा हुआ है। जिसकी वजह से कई बीमारियां भी पनप सकती हैं।
जिसके बाद स्कूल के प्रधानाचार्य और अन्य स्टाफ ने बच्चों को प्रेरित किया। छोटे-छोटे बच्चों ने इस काम को लगन के साथ करते हुए पूरी बावड़ी को बदल दिया। जो बावड़ी कूड़े और प्लास्टिक की ढेर से भरी पड़ी थी। उसे पर्यावरण के नन्हे योद्धाओं ने कुछ देर में ही लोगों के बीच एक आकर्षण का केंद्र बना दिया। उनके इस काम को देख कर गांव वालों ने भी धन्यवाद कहकर खुशी जताई।
इतना ही नहीं बल्कि ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के तहत आयोजित 75 वें अमृत महोत्सव के एक कार्यक्रम में भारतीय विद्या मंदिर को इस नेक काम के लिए भारत सरकार द्वारा प्रथम पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही इन नन्हे पर्यावरण योद्धाओं की प्रशंसा की गई। इस सम्मान से खुश होकर स्कूल के छात्र और स्टाफ अब इस तरह के काम को करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। प्रकृति मां की देखभाल करने के लिए यह बच्चे अब पीछे मुड़कर देखने वाले नहीं हैं।
हम ऐसे नन्हें पर्यावरण योद्धाओं और अध्यापकों को नमन करते हैं। जो केवल उन्हें किताबी ज्ञान ही नहीं बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूक भी कर रहे हैं। हम पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के सभी प्रांतों की ओर से इस टोली के प्रत्येक व्यक्ति को सलाम करते हैं।
