बालू के टीले पे उगा दिया हरा भरा जंगल

जिलाधिकारी श्री नितीश कुमार के अभिनव प्रयोग ने
ग्राम मंझा के बालू के टीलों में उगा दिया हरा भरा जंगल

#Bareilly : जिलाधिकारी श्री नितीश कुमार ने आज ब्लॉक क्यारा में वन्य ग्राम मंझा का औचक निरीक्षण किया और वहां पर बरेली के विभिन्न स्थानों, विशेष कर डोहरा रोड से हस्तांतरित कर प्रतिरोपित किए गए वृक्षों को देखा। वन्य ग्राम मंझा में अब तक 652 वृक्षों को हस्तांतरित कर प्रतिरोपित किया गया है जिनमें से 154 से अधिक वृक्षों में कोंपलें फूटने लगी हैं, पत्तियां आने लगी हैं। पूरे उत्तर प्रदेश में यह अपने आप में अभिनव प्रयोग है।

जिलाधिकारी श्री नितीश कुमार ने पांच जून 2021 को पर्यावरण दिवस के अवसर पर यह अनूठा निर्णय लिया कि डोहरा रोड तथा बरेली के अन्य स्थानों पर जहां कहीं भी निर्माण कार्य के लिए वृक्षों को काटने की आवश्यकता पड़ रही है, उन पेड़ों को काटा न जाए बल्कि उन्हें अन्यत्र स्थानांतरित किया जाए। इसके लिए क्यारा ब्लाक के वन्य ग्राम मंझा को चुना गया।

श्री नितीश कुमार के निर्देश पर यह कार्य शुरु किया गया और प्रथम चरण में केवल 25 दिनों में ही 500 वृक्षों को ग्राम्य वन मंझा में प्रतिरोपित कर दिया गया। शेष को बाद में यहां पर प्रतिरोपित किया गया। आज जिलाधिकारी ने उसी स्थान का निरीक्षण किया जहां पर वे पेड़ प्रतिरोपित किए गए हैं जिन्हें बरेली के विभिन्न स्थानों से जड़ समेत उखाड़ कर वहां लगाया गया था। अब यह जंगल जैसा स्वरूप ले रहा है यहां चिडिया भी आने लगी हैं। अब यहां टहनी पर बैठे बाज को देखा जा सकता है। यहां पर तीन पीपल के पेड़ों की हरी भरी काया दूर से दिख रही है। इन वृक्षों का जीवन बचाते हुये वृक्षों को नये स्थल पर प्रतिरोपण का जो अभिनव प्रयोग किया गया, वह सवर्था सफल होता प्रतीत हो रहा है। यही नहीं इस प्रयोग से रामगंगा नदी के किनारे मंझा ग्राम में वृक्षों को प्रतिरोपित कर वृक्षारोपण क्षेत्र के एक भाग को वन का स्वरूप भी प्रदान किया जा रहा है।

जिलाधिकारी का मानना है कि भविष्य में यहां पर एक पर्यटक स्थल विकसित होता दिखाई दे रहा है, क्योंकि जिस रामगंगा के किनारे कभी बालू के टीलो के सिवा एक भी वृक्ष नहीं था, आज वहां 135 हेक्टेयर क्षेत्र में धीरे धीरे वन अपना आकार लेता दिखाई दे रहा है। मंझा ग्राम में विकसित किये जा रहे ग्राम्य वन में 10 हेक्टेयर क्षेत्र में मिंयावाकी पद्धति पर वृक्षारोपण कर वन तैयार किया जा रहा है जहां 10 हेक्टेयर क्षेत्र में अब तक 35000 पौधां को रोपित किया जा चुका है तथा लगभग 25000 पौध बीज बुआन पश्चात तैयार हो रही है। इस मियांवाकी क्षेत्र में कुछेक 10-12 फीट ऊंचाई के पौधों को भी 10×10 मीटर की दूरी पर रोपित कर यह प्रयास किया जा रहा है कि मियांवाकी में टॉप स्टोरी, मिडिल स्टोरी, अन्डर स्टोरी, हर्बस के साथ साथ ग्राउण्ड फ्लोरा भी तैयार हो और कोई भी भूमि रिक्त न रहे। वर्तमान में सम्पूर्ण मिंयावाकी क्षेत्र में माह जुलाई में रोपित पौध हरी हो चुकी है तथा उसमें हरे कल्ले आ गये है, ग्राम्य वन मंझा पूर्णतः वर्श 2021 में जंगल का स्वरूप ले रहा है, यहां वृक्षों के प्रतिरोपण, 10 हे0 क्षेत्र में मियांवाकी के साथ-साथ वन विभाग द्वारा 100 हेक्टेयर क्षेत्र में सफलतापूर्वक वृक्षारोपण भी किया गया है जहां सभी पौधे नये कल्ले लेकर हरे हो गए हैं। उक्त के अतिरिक्त उद्यान विभाग द्वारा 10 हेक्टेयर तथा ग्राम्य विकास विभाग द्वारा 10 हेक्टेयर क्षेत्र में वृक्षारोपण किया जा रहा है। उस रेतीली भूमि पर जहां कही एक भी वृक्ष नही हुआ करता था, आज 135 हेक्टेयर क्षेत्र में वन आकार लेता दिखाई दे रहा है। वन्य ग्राम मंझा में उद्यान विभाग को आवंटित 10 हेक्टेयर भूमि पर 4 हेक्टेयर अमरूद, 2 हेक्टेयर नींबू, 2 हेक्टेयर जामुन लगाया गया है। शोभाकारी वृक्षों के लिए किनारे किनारे 4 लाईन गुलमोहर की लगाई गई हैं। शेष क्षेत्रफल पर लेमन ग्रास, अलोवेरा, गुलाब रोपित किया जाएगा। पूरे क्षेत्र की कटीले तारों से तारबंदी कर दी गयी है। इस क्षेत्र में अब तक कुल 203700 पौधों का रोपण किया जा चुका है।

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