गोवा से मदिकेरी होते हुए, ऊटी जाने के रास्ते में मुझे एक दिलचस्प बस स्टॉप दिखा,
यह बस स्टॉप एक छोटे से गाँव में था। इसे
बेकार बोतलों से बनाया गया था, जिनमें पानी भी भरा हुआ था।
यह दिखने में तो अच्छा था ही, साथ ही बेकार प्लास्टिक का सही इस्तेमाल करने का बेहतरीन नमूना भी था।
मैंने हमेशा देखा है कि हमारे देश के गाँव भले ही शहरों से आधुनिकता में पीछे हों, लेकिन यहाँ रहनेवालों की रचनात्मकता हम शहरवासियों से कहीं आगे होती है।
गाँवों में आपको बड़ी से बड़ी समस्या का हल जुगाड़ से सुलझाते हुए लोग मिल जायेंगे।
-ज्योति त्रिपाठी
साभार – jyoti__tripathi
The Better India
