भारत निकट भविष्य में बहुत जल्द विकसित देशों के डोमेन में शामिल होने की इच्छा रखता है। सफलता जिम्मेदारी के साथ आती है तो विकास भी। आधुनिक तकनीकों से इन उत्तरदायित्वों को नियत समय में पूरा किया जा सकता है। उदाहरण के लिए पेड़-पौधों से भरी भूमि को लें, जिसे जल्द ही सरकारी निर्माण स्थल में बदल दिया जाएगा। फिर उन पेड़ों को दूसरी जगह स्थानांतरित करने की जिम्मेदारी आती है, विज्ञान में प्रगति के साथ हम ऐसा करने में सक्षम हैं।
पर्यावरण मित्र मंडल के संरक्षक श्री बालूराम वर्मा के मार्गदर्शन में एवं उनके सहयोगी दुर्गा प्रसाद सोनी वृक्ष मित्र ने जी रोड पीडब्ल्यूडी ऑफिस दुर्ग सामने विश्रामगृह के पास जी रोड पर चौड़ीकरण के तहत दो नीम का पेड़ जो नुकसान होने जा रहा था, जिसे पर्यावरण मित्र सुरेश साहू जी ने विगत 10 वर्ष पहले रोपित किया था, जो लगभग 20-25 फीट हो चुका था, वह चौड़ीकरण होने के कारण विकास के नाम पर शासन द्वारा उखाड़ फेंकने की तैयारी में था, किंतु सुरेश साहू जी ने लोगों से संपर्क कर उक्त पौधा को बचाने का प्रयास किया। उस जगह का निरीक्षण कर पीडब्ल्यूडी ऑफिस के कर्मचारियों से निवेदन किया कि परिसर में जगह खाली है ऑफिस के अंदर लगाने की अनुमति दें, ताकि वह पौधा परिसर पर स्थित होने से शुद्ध वायु व छाया मिलेगी। उन्होंने अनुरोध स्वीकार किया, फिर पर्यावरण मित्र गुलाब चंद सोनी व जेसीबी चालक महेंद्र देवांगन से संपर्क किया उनकी मदद से पीडब्ल्यूडी के ऑफिस में ही वह दोनों पौधा को रोपित किया और पर्यावरण संरक्षण में इस प्रकार की पहल कर बहुत ही आत्म संतुष्टि मिली । सभी जन समुदाय से निवेदन करते हैं अगर इस प्रकार की सेवा का मौका प्रदान किया जाए तो ये समूह और इसके कार्यकर्ता जरूर तत्पर रहेंगे।
यह समूह ‘पर्यावरण मित्र मंडल’ छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों में काफी सक्रिय है और वे प्रकृति माँ को बचाने के लिए हर संभव तरीके से योगदान करते हैं। वे अब दूसरों की ओर से विशेष अवसरों पर न्यूनतम शुल्क के साथ पेड़ लगाते हैं, वे पर्यावरण के प्रति उत्साही लोगों के बीच मुफ्त में पौधे वितरित करते हैं।
नमन उन सभी स्वयंसेवकों को जो इस अभियान में अपना खून-पसीना दे रहे हैं।
