हिंदू धर्म में वृक्षों का अत्यधिक महत्व रहा है और उन्हें पूजनीय माना गया है पीपल, तुलसी, आंवला जैसे अनेकों वृक्ष पूजे जाते हैं इसी मान्यता को अपने पितरों के साथ जोड़कर दिल्ली प्रांत के नंदनगरी के युवा कार्यकर्ताओं ने पितरों के नाम से 25 सितंबर को 101 वृक्षों का रोपण कर के अपने अपने पितरों को याद किया।
अगर हम और विस्तार से चर्चा करें तो, भाद्रपक्ष की पूर्णिमा और अश्विन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को पितृ पक्ष कहा जाता है। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध भी होता है। ब्रह्म पुराण के मुताबिक मनुष्य को पूर्वजों की पूजा करनी चाहिए और उनका तर्पण करना चाहिए।
पितृ पक्ष यानि श्राद्ध भी बेहद महत्वपूर्ण हैं. हिंदू धर्म में श्राद्ध एक कर्म है जो कि प्राचीन काल से किया जा रहा है।
मान्यता है कि जो लोग दुनिया में नहीं है व पितरों की शांति के लिए श्राद्ध कर्म अवश्य किया जाना चाहिए। इससे उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वह अपना आशीर्वाद देते हैं।
सोनी मिश्रादूबे
