वेस्ट टू बेस्ट अभियान अंर्तगत पाली जिले में अनुकरणीय प्रयास हुए।
पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के कार्यकर्ता तेजसिंह जी एवं विष्णु प्रकाश जी गुर्जर, शिक्षा विभाग के अंतर्गत जिले के अधिकारी है उन्होने योजना पूर्वक जिले के सरकारी एवं निजी विद्यालयों में इको ब्रिक अभियान चलाने के लिए इको ब्रिक बनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जिला कलेक्टर अंशदीप से मिले एवं इक्को ब्रिक्स की संकल्पना प्रस्तुत की।जिलाधीश महोदय को योजना अच्छी लगी ।
जिला प्रशासन द्वारा वेस्ट टू बेस्ट अभियान नाम देकर विद्यालयों में इसके लिए आदेश निकाला गया।
आदेश में विद्यार्थियों को दीपावली के गृहकार्य के रूप में इको ब्रिक बनाने का कार्य दिया गया। विद्यार्थियों द्वारा इको ब्रिक बनाकर लाने पर इको पेन भेंट किये गए। इको फ्रेंडली कहे जाने वाले यह पेन पूर्ण रूप से कागज के बने हुए है, ये पेन गतिविधि के कार्यकर्ताओं के प्रयास से समाजसेवियों द्वारा उपलब्ध करवाए गए। पेन के पिछले भाग में विभिन्न पौधों के बीज भरे हुए हैं। पेन को उपयोग के पश्चात् विद्यालय परिसर में ही भूमि में बो देने से उस पर पौधा उग आएगा। 5 हजार निजी विद्यालय संचालकों को भी इस प्रकार के पेन भेंट कर इस अभियान में सहभागिता निभाने के लिए निवेदन किया गया।
अब तक कुल 15000 पेन भेंट किये जा चुके है।
पाली विभाग के विद्यालयों के लगभग दस हजार विद्यार्थियों ने नवाचार के रूप में इको ब्रिक को अपनाया।
ये विद्यार्थी न केवल अपने घर से अपितु इधर-उधर बिखरी पड़ी बोतलों को एकत्र करते है तथा उसमें पॉलीथीन के कचरे को भरकर इको ब्रिक का रूप देते है। इन इको ब्रिक्स का विद्यालय परिसर में ही रचनात्मक उपयोग करते हैं।
प्रत्येक विद्यालय ने अपनी सुविधानुसार महा की एक दिनांक तय की है उस दिनांक को विद्यालय के छात्र महीने भर में निर्मित इको ब्रिक्स इकट्ठे करके विद्यालय में जमा करवाते हैं अब तक 25,000 से अधिक इको बिक्स तैयार की जा चुकी है तथा यह आंकड़ा हर महीना बढ़ रहा है।
इसके साथ ही सामान्य जन भी इस अभियान से जुड़े इस हेतु पाली नगर परिषद की प्रत्येक कचरा संग्रहण वाहन में गीले कचरे सूखे कचरे के साथ एक कंपार्टमेंट प्लास्टिक वेस्ट हेतु लगवा दिया है तथा उस पर गौ माता के चित्र के साथ मुझे जहर मत दो के संदेश युक्त स्टीकर भी चिपका दिए गए हैं।
कार्यकर्ताओं की समझ से आज पाली जिला राजस्थान के लिए आदर्श जिला बन चुका है।
