जल स्वच्छता व संरक्षण का उठाया बीड़ा – बहने दो पानी, हटा कर कचरा।

धरती पर पानी के बिना जीवित रहने की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। इस धरा पर अगर पानी नहीं बचेगा तो हम में से कोई नहीं बचेगा। इसके लिए आवश्यक है कि हम सब मिलकर पानी बचाने का काम करें। अपने जीवन में छोटी-छोटी आदतों में सुधार कर जल को बचाया जा सकता है।
जल बचाने की मुहिम को लेकर कई तरह की संस्थाएं हमारे आसपास काम कर रही हैं। जिनमें से वाटर अंडरटेकिंग (जल उपक्रम) भी एक संस्था है। जो विभिन्न स्थानों पर तरह-तरह के सामाजिक संगठनों से सहयोग लेकर जल संरक्षण पर जन जागरूकता फैलाने का काम कर रहा है।
जल को संरक्षित करने के अलावा यह नदियों की साफ-सफाई को लेकर भी काम करती है। उपक्रम के द्वारा गांधीनगर में छठ पूजा घाट, आईटीओ छठ घाट, निगमबोध घाट समेत कई जगहों पर काम करती है। साप्ताहिक रूप से कई जगहों पर साफ सफाई पर काम किया जाता है। पिछले एक साल के कोरोना काल के बावजूद भी 20 सप्ताह तक लगातार काम किया गया था। जमुना स्वच्छता अभियान के जरिए सप्ताह में रविवार और बुधवार को जल उपक्रम के माध्यम से काम किया गया।
इस काम में पीएसजी पूर्वी विभाग, यमुना के मित्र, गांधी नगर छठ पूजा समिति, उत्तरांचल भारती सेवा संस्थान, श्री रामदूत सेवा समिति, आरडब्ल्यूए गांधी नगर, आरडब्ल्यूए कैलाश नगर, गौशाला आनंदतीत योग साधना केंद्र द्वारा सहायता की। यमुना स्वच्छता अभियान के दौरान 50 से अधिक टिपर कचरा हटाया गया और यमुना के तट पर वृक्षारोपण भी किया हुआ। जल संरक्षण की आवश्यकता के बारे में आने वाले दिनों में साइकिल संदेश यात्रा निकाली जाएगी। इसके साथ ही इस काम को बढ़ाने के लिए और लोगों को जोड़ने का काम किया जाएगा।

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