गर्मी का भीषण प्रकोप जारी है । औरंगाबाद में भी पारा 41 डिग्री सेल्सियस से पार जा चुका है। तापमान में हुई इस भयावह वृद्धि से जलसंसाधन सुख रहे है व प्रवाहित होने वाले नदियों के जल को जगह-जगह अवरुद्ध कर मानव अपने निजी उपयोग में ले रहा या भण्डारण कर रहा । परिणाम स्वरूप पशु-पक्षियों को इस तपती गर्मी में अपनी प्यास बुझाने यहां वहां भटकने मजबूर होना पड़ रहा है। मनुष्य जल संसाधन उपलब्ध करा सकता है, जल संचय कर सकता है, लेकिन पक्षियों और अन्य जीवों का क्या? न घर न पानी। हम इसके बारे में क्या कर सकते हैं? इसी चिंतन से जन्मे एक प्रयास को मूर्तरूप देने में लगे है प्रदीप यादव जी।श्री प्रदीप यादव पक्षियों के पीने के पानी के लिए 50 मिट्टी के बर्तन लाए हैं। वे इस कार्य को कैंप काउंसिल डंपिंग ग्राउंड से शुरू करेंगे और फिर सोनेरी महल यूनिवर्सिटी कैंपस, एलोरा लॉन कैंप, ओएस चिखलथाना इंडस्ट्रियल कैंपस, कैंप परिषद डंपिंग ग्राउंड, भेड़ और बकरी फार्म, पडेगांव में भी पक्षियों के लिए पेयजल व्यवस्था करेंगे। पक्षियों और पशुओं को पानी देने के लिए यह एक अद्भुत मानवीय प्रयास है।
